About Kulguru

Kulguru Shri Bharat Ratna Bhargava

Guru JI

जन्मः 1938, एम. ए. (हिन्दी)। राॅयल एकेडेमी ऑफ़  ड्रेमेटिक आर्ट्स  (लन्दन) तथा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, नई दिल्ली से ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम एवं बी. बी. सी. लन्दन से प्रस्तुति प्रशिक्षण  पाठ्यक्रम।जयपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में हिन्दी प्राध्यापक। आकाशवाणी  दिल्ली तथा इन्दौर में कार्यक्रम धिकारी। बी. बी. सी. लन्दन की विदेश सेवा विभाग में हिन्दी प्रोड्यूसर। मूलतः कवि। साठ और सत्तर के दशकों में शीर्ष पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन। 

संस्कृत एवं भारतीय भाषाओं के नाटकों का पद्यानुवाद जिसमें भास कृत स्वप्नवासवदत्ता, प्रतिज्ञा यौगन्धरायण, उरुभंगम, मध्यम व्यायोग, दूत घटोत्कच, कर्णभाराम, भट्टनारायण कृत वेणी संहार, बोधायन कृत भगवदज्जुकम तथा कावलम नारायण परिक्कर के मलयालयी नाटक पशुगायत्री, अवन अवन कडम्बा, माया तथा तैया तैयम शामिल।कालिदास अकादेमी, उज्जैन; भारतेन्दु नाट्य अकादेमी, लखन ; राजस्थान साहित्य अकादेमी, उदयपुर; आकाशवाणी, नई दिल्ली; साहित्य कला परिषद, नई दिल्ली जैसी अनेक संस्थाओं में विभिन्न स्तरों पर नामित पदाधिकारी रहे श्री भार्गव ने माॅस्को (रूस) एडीलेड (ऑस्ट्रेलिया ) तथा एसेन (जर्मनी) जैसे देशों में नाट्य परिचर्चाओं और संगोष्ठियों में भागीदारी की है।

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केन्द्रीय संगीत नाटक अकादेमी के उपसचिव (नाटक) पद से सेवानिवृत्त श्री भार्गव को राजस्थान संगीत नाटक अकादेमी का कला पुरोधा सम्मान तथा नाट्यालोचन की पुस्तक ‘रंग हबीब’ पर हिन्दी अकादेमी, नई दिल्ली का विशिष्ट कृति पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। अन्य प्रकाशित कृतियाँ हैं नाट्यकुलम के लिए सम्प्रति जयपुर स्थित ‘नाट्यकुलम’ के कुलगुरु। ‘‘दिव्यांग कलाश्रम’’ के अन्तर्गत दृष्टिबाधित बालकों के समुचित शिक्षा एवं प्रशिक्षण के लिए निःशुल्क आवास एवं भोजन की व्यवस्था। इन्हीं दृष्टिबाधित बच्चों के द्वारा ‘अनन्त की आँखें’ उत्कृष्ट प्रस्तुति रही, जिसका लेखन और निर्देशन किया। इसी श्रृंखला में प्रस्तुत है यह नाटक ‘नन्दन कथा’। इसका लेखन और निर्देशन भी आपने किया है।

Kulguru's Life's Experiences

Shri Bharat Ratna Bhargava was born in 1938. He completed his education of  M.A. Hindi from Rajasthan University (1963) and he is Regd. Research Scholar for a Ph.D on contemporary Indian Theatre (1964 – 67). He feels proud when he was a lecturer of Hindi at L.B.S. College, Rajasthan University (1967-71).
He was a part of Summer Theatre Course at Royal Academy of Dramatic Arts, London. He also attended National School of Drama, Delhi under Shri Abrahim Elkazi.

Direction:

  1.  Chitralekha (Bhagwati Charan Verma/Bal Swaroop Rahi)
  2.  Roshni EK Nadi Hai (Laxmi Kant Verma)
  3.  Hom Log (Amrit Rai)
  4.  Shastra Dekho Shastra (Written and Directed)
  5.  Sugga Baba (Adaptation of Gurudev Tagore’s story)
  6.  Visarjan (Gurudev Tagore)
  7.  Gautami (Written and Directed)

Directions for Visually Impaired:

  1.  Jashn-E-Eid (Adaptation of Munshi Prem Chand’s story Eidgaah)
  2.  Anant ki Aankhen (Written and Directed)
  3.  Nandan Katha (Written and Directed)

Acted under direction of Prof. Mohan Maharishi

  1.  Bhumija (Sarvadanand/ B.R.Bhargava)
  2.  Shuturmurg (Gyan Dev Agnihotri/ B.R.Bhargava)
  3.  Guriya Ghar (Ibsen/ Kudsia Zaidi)
  4.  Azar Ka Khwab (Ibsen/ Kudsia Zaidi)
  5.  The Mother (Bertolt Brecht/ B.R.Bhargava)

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